मागास समाज की धानुक जाती में पैदा हुई हिमा दास ने जीता 400 मीटर दौड़ में जीता गोल्ड मैडल। किया भारत का नाम किया रौशन….!
हिमा दास, असम के छोटे से गांव की 18 साल की मासूम सी लड़की जिसने आईएएएफ विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर देश का गौरव बढाया है ।
इस इवेंट में देश को पहली बार गोल्ड मेडल हासिल हुआ है। हिमा ने महिला, पुरुष, जूनियर, सीनियर सभी वर्गों में पहली बार वर्ल्ड ट्रैक इवेन्ट में गोल्ड जीता है वो भी 51.46 सेकेण्ड के रिकॉर्ड समय में।
जो काम अब तक कोई भारतीय नहीं कर पाया वो हिमा ने किया है।
हिमा असम के नगाँव जिले के धींग के पास कंधूलिमरी गाँव से हैं। उसके पिता रोंजीत दास और मां जोमालि चावल की खेती करते हैं। बेहद गरीब परिवार से आने वाली हिमा 6 बहन-भाइयों में सबसे बड़ी है। तमाम मुश्किलों को हराते हुए हिमा ने ये क़ामयाबी हासिल की है।
शाबाश हिमा! तुमने हर आम लड़की के सपने को हिम्मत दी है ।
अब कुछ और लडकियां जिनके सपने आखों में ही मार दिये जाते हैं ऐसे सपने साकार करने के लिए आगे आयेंगी ।
बहुजन समाज को मौका बस मिले सबसे आगे निकल जाएंगे बहुजन समाज को बस मौका देना होगा ।
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